यह दुनियाँ यदि ईश्वर ने बनाई होती,
तो इतनी अधिक नहीं इसमें बुराई होती।
माना लेता तूँ जो करता है भले के लिये करता है,
यदि तूने भोपाल में गैस नहीं रिसाइ होती।
यह भी मान लेता कि तूने बनाया होगा सबको,
अगर कुछ लोगों ने गोधरा में ट्रेन न जलाई होती।
मैं भी जाता तेरे मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारे में,
अगर तेरे बंदों ने मस्जिद नहीं गिराई होती।
तेरे अस्तित्व को स्वीकार क्यों नहीं करता मैं,
यदि तानाशाहों ने तुझसे शक्ति नहीं पाई होती।
( हिटलर, तैमूर, नादिरशाह आदि )
तू नहीं जब तो मेरी बातों का जवाब कैसे देगा,
नहीं पूछता तुझसे यदि किसी ओर ने मुझे बताई होती।
मान लिया तेरी दुनियाँ है, सभी बंदे भी तेरे हैं,
मगर एक बात बता, इनका आपस में क्यों लड़ाई होती।
तो इतनी अधिक नहीं इसमें बुराई होती।
माना लेता तूँ जो करता है भले के लिये करता है,
यदि तूने भोपाल में गैस नहीं रिसाइ होती।
यह भी मान लेता कि तूने बनाया होगा सबको,
अगर कुछ लोगों ने गोधरा में ट्रेन न जलाई होती।
मैं भी जाता तेरे मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारे में,
अगर तेरे बंदों ने मस्जिद नहीं गिराई होती।
तेरे अस्तित्व को स्वीकार क्यों नहीं करता मैं,
यदि तानाशाहों ने तुझसे शक्ति नहीं पाई होती।
( हिटलर, तैमूर, नादिरशाह आदि )
तू नहीं जब तो मेरी बातों का जवाब कैसे देगा,
नहीं पूछता तुझसे यदि किसी ओर ने मुझे बताई होती।
मान लिया तेरी दुनियाँ है, सभी बंदे भी तेरे हैं,
मगर एक बात बता, इनका आपस में क्यों लड़ाई होती।
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